चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा !! “मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा…” जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे। https://youtu.be/Lug0ffByUck